प्रधानमंत्री जी श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमारे देश के जितने भी विरासत शहर है उनके विकास एवं विस्तार पर ध्यान देते हुए ह्रदय राष्ट्रीय विरासत विकास एवं संवर्धन योजना की शुरुवात की एवं केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने देश के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और फिर से जीवित करने के प्रयास के मद्देनजर 21 जनवरी 2015 को राष्ट्रीय विरासत विकास एवं संवर्धन योजना (हृदय) का शुभारंभ किया ।
हृदय के अंतर्गत विरासत स्थलों के एकीकृत, समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देना, स्मारकों के रख–रखाव पर फोकस करना और संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को उन्नत बनाने की योजना है।
– हृदय के आरंभिक चरण में 12 विरासत शहरों को चुना गया है जिन्हें फिर से जीवंत बनाया और विकसित किया जाएगा. केंद्र सरकार इन शहरों को 500 करोड़ रुपये देगी ।
– योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित होगी ताकि अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विरासत स्थलों के आस पास बुनियादी संरचना औऱ सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।
– केंद्रीय सरकार ने राष्ट्रीय विरासत विकास एवं संवर्धन योजना के अंतर्गत वाराणसी को 89.31 , अमृतसर – 61.39 करोड़ रुपये, वारांगल (तेलंगाना)- 40.54 करोड़ रुपये, अजमेर- 40.04 करोड़ रुपये, गया- 40.04 करोड़ रुपये, मथुरा- 40.04 करोड़ रुपये, कांचीपुरम- 23.04 करोड़ रुपये, वेल्लनकिनि- 22.26 करोड़ रुपये, अमरावती (आंध्र प्रदेश)- 22.26 करोड़ रुपये, बादामी (कर्नाटक)- 22.26 करोड़ रुपये, द्वारका (गुजरात)- 22.26 करोड़ रुपये, पुरी- 22.54 करोड़ रुपये शहरों को इस प्रकार 500 करोड रूपये आवंटित किये ।
इस पैसे से इन शहरों के ढांचागत विकास, आर्थिक विकास और लोगों के कौशल विकास को प्रोत्साहन दिया जायेगा एवं विकास में तेज़ी लायी जाएगी । तेजी से सेवाओं की डिलिवरी, सुरक्षा, जैसे बिंदुओं पर भी इसके तहत जोर दिया गया है ।सरकार के इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन शहरों में देसी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना है ।
भारत में बहुत से विदेशी सैलानी यहाँ की सांस्कृतिक एवं धरोहर को देखने आते है इसी से जुड़े तथ्यों को देखते हुए सरकार ने यह योजना लागू की ।
श्री नरेन्द्र मोदी जी का उद्देश्य इस योजना के पीछे हमारे सांस्कृतिक धरोहर को बनाये एवं वहा के विकास एवं पर्यटन एवं सार्वजानिक सुविधाओ से सम्बंधित कार्यो को करना है ।
मै श्री नरेन्द्र मोदी जी को इस योजना की शुरुवात करने के लिए हार्दिक आभारी हु एवं सधन्यवाद की उन्होंने हमारे पुरातात्विक एवं विरासत क्षेत्रों के विकास के लिए कदम उठाये ।
“मेरा देश बदल रहा है … आगे बढ़ रहा है “