एकीकृत ऊर्जा विकास योजना का प्रमुख उद्देश्य पूरे देश के बड़े व छोटे सभी जगहों पर ऊर्जा की आपूर्ति करवाना है जिससे देश में सभी को विद्युत की आपूर्ति हो व सभी जगह का विकास हो एवं सुविधाओं का फायदा सभी को मिले ।
एवं यह योजना मोदी सरकार की बहुत महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है जिसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 18 सितम्बर 2015 को अपनी लोकसभा सीट वाराणसी के एक-दिवसीय दौरे के दौरान ऊर्जा मंत्रालय की महात्वाकांक्षी एकीकृत ऊर्जा विकास योजना शुरुआत की ।
एकीकृत ऊर्जा विकास योजना की मुख्य विशेषताएं निम्न प्रकार से है –
1- एकीकृत ऊर्जा विकास योजना ऊर्जा मंत्रालय की सर्वप्रमुख योजनाओं में से एक है ।
2- इसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक देश के सभी इलाकों में 24 घण्टे ऊर्जा उपलब्धता सुनिश्चित करना है ।
3- उल्लेखनीय है कि मौजूदा उच्च प्रौद्यौगिकी के दौर में 24 घण्टे बिजली की उपलब्धता विकास के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बनकर उभरी है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए ऊर्जा मंत्रालय ने IPDS का खाका तैयार किया है ।
4- इसके तहत मुख्यत: विद्युत वितरण के उप-नेटवर्कों को सुधार कर, आईटी का विद्युत वितरण में अधिकाधिक प्रयोग कर, अत्याधुनिक कस्टमर केयर सुविधा स्थापित कर, अधिकाधिक क्षेत्रों में सोलर पैनल उपलब्ध कराकर तथा पुनर्गठित त्वरित विद्युत विकास एवं सुधार कार्यक्रम ( आर-एपीडीआरपी )जैसे विद्युत सुधार कार्यक्रमों को सहयोग प्रदान कर देश की विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ।
5- मुख्य कारण देश में विद्युत ऊर्जा से झुंझ रहे सभी छोटे व बड़े गावो एवं शहरों तक विद्युत आपूर्ति करना है ।
6- इसके तहत सरकारी तथा निजी दोनों क्षेत्रों की विद्युत वितरण कम्पनियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।
7-विद्युत आपूर्ति करके सम्पूर्ण देश को विकसित करना जिससे गरीब किसानो व शिक्षा , उद्योग आदि क्षेत्र में कभी बाधा न आये ।
मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को एकीकृत ऊर्जा विकास योजना की शुरुआत करने के लिए इनका हार्दिक आभार व्यक्त करता हू इससे गावो व शहरों सभी का विकास होगा और किसी भी कार्य में बिजली की समस्या उत्पन्न नहीं होगी ।
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