वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष से लेकर 35 वर्ष की उम्र के बीच के 5.50 करोड़ संभावित कामगार हैं। ठीक उसी समय, विश्व भर में वर्ष 2020 तक 5.70 करोड़ कामगारों की कमी होने का अनुमान है। इससे भारत के लिए अपनी अतिरिक्त जनसंख्या को एक जनसांख्यिक लाभांश के रूप में परिणत करने का एक ऐतिहासिक अवसर सामने आ रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने गरीब परिवारों के ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास और उत्पादक क्षमता का विकास के बल पर दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के कार्यान्वयन से देश के समावेशी विकास के लिए इस राष्ट्रीय एजेंडे पर जोर दिया है।
आधुनिक बाजार में भारत के ग्रामीण निर्धनों को आगे लाने में कई चुनौतियां हैं, जैसे औपचारिक शिक्षा और बाजार के अनुकूल कौशल की कमी होना। विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, वित्तपोषण, रोजगार उपलब्ध कराने पर जोर देने, रोजगार स्थायी बनाने, आजीविका उन्नयन और विदेश में रोजगार प्रदान करने आदि का काम करते है ।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना की विशेषताएं-
– लाभकारी योजनाओं तक निर्धनों और सीमांत लोगों को पहुंचने में सक्षम बनाना एवं ग्रामीण गरीबों के लिए मांग आधारित नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना ।
– समावेशी कार्यक्रम तैयार करना एवं सामाजिक तौर पर वंचित समूहों को अनिवार्य रूप से शामिल करना।
– प्रशिक्षण से लेकर आजीविका उन्नयन पर जोर देना,रोजगार स्थायी करने, आजीविका उन्नयन और विदेश में रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से पथ-प्रदर्शन के उपाय करना।
-नियोजित उम्मीदवारों के लिए अतिरिक्त सहायता एवं नियोजन-पश्चात सहायता, प्रवास सहायता और पूर्व-छात्र नेटवर्क तैयार करना।
– रोजगार साझेदारी तैयार करने की दिशा में सकारात्मक पहल कम से कम 75 प्रतिशत प्रशिक्षित उम्मीदवारों के लिए रोजगार की गारंटी करना।
– कार्यान्वयन साझेदारों की क्षमता बढ़ाना प्रशिक्षण सेवा प्रदान करने वाली नई एजेंसियां तैयार करके कौशल विकास करना।
– क्षेत्रीय तौर पर जोर देना जम्मू-कश्मीर (हिमायत), पूर्वोत्तर क्षेत्र और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित 27 जिले (रोशिनी) में निर्धन ग्रामीण युवाओं के लिए परियोजनाओं पर अधिक जोर देना।
– स्तरीय सेवा वितरण कार्यक्रम से जुडी सभी गतिविधियां स्तरीय संचालन प्रक्रिया पर आधारित होंगी जो स्थानीय निरीक्षकों द्वारा बताए जाने के लिए नहीं हैं। सभी प्रकार के निरीक्षण भू- स्थैतिक प्रमाण, समय के विवरण सहित वीडियो/तस्वीरों द्वारा समर्थित होंगे।
परियोजना वित्तपोषण सहायता-
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के माध्यम से कौशल प्रदान करने वाली परियोजनाओं से जुड़े रोजगार के लिए वित्तपोषण सहायता उपलब्ध कराई जाती है, जिससे प्रतिव्यक्ति 25,696 रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक वित्तपोषण सहायता के साथ बाजार की मांग का समाधान किया जाता है, जो परियोजना की अवधि और आवासीय अथवा गैर-आवासीय परियोजना पर आधारित है। डीडीयू-जीकेवाई के माध्यम से 576 घंटे (तीन माह) से लेकर 2304 घंटे (बारह माह) की अवधि वाली प्रशिक्षण परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण किया जाता है।वित्तपोषण संबंधी घटकों में प्रशिक्षण के खर्च, रहने और खाने-पीने, परिवहन खर्च, नियोजन पश्चात सहायता खर्च, आजीविका उन्नयन और स्थाई रोजगार सहायता संबंधी खर्च में सहायता देना शामिल हैं।
परियोजना वित्तपोषण में परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (पीआईए) को प्राथमिकता
1- कैप्टिव रोजगार –
ऐसे परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी अथवा संगठन जो मौजूदा मानव संसाधन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
2- औद्योगिक प्रशिक्षण –
उद्योगजगत से सह-वित्तपोषण के साथ विभिन्न प्रशिक्षणों के लिए सहायता प्रदान करना।
3 -अग्रणी नियोक्ता –
ऐसी परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियां जो 2 वर्षों की अवधि में कम से कम 10,000 डीडीयू-जीकेवाई प्रशिक्षुओं के कौशल प्रशिक्षण और नियोजन का आश्वासन देती है।
4- उच्च ख्याति वाली शैक्षिक संस्था –
ऐसे संस्थान जो राष्ट्रीय मूल्यांकन और मान्यता परिषद (एनएएसी) की न्यूनतम 3.5 ग्रेडिंग वाले हैं अथवा ऐसे सामुदायिक महाविद्यालय जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग/अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा वित्तपोषित हों और डीडीयू-जीकेवाई परियोजनाओं को हाथ में लेने के लिए इच्छुक हों।
प्रशिक्षण संबंधी आवश्यकताएं- डीडीयू-जीकेवाई के माध्यम से खुदरा, आतिथ्य, स्वास्थ्य, निर्माण, स्वचालित, चमड़ा, बिजली, प्लम्बिंग, रत्न और आभूषण आदि जैसे अनेक 250 से भी अधिक ट्रेडों में अनेक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए वित्तपोषण किया जाता है। केवल मांग-आधारित और कम से कम 75 प्रतिशत प्रशिक्षुओं को रोजगार देने के लिए कौशल प्रशिक्षण देने का शासनादेश है।
मै प्रधानमंत्री जी श्री नरेन्द्र मोदी जी को गरीब एवं निर्धनों एवं ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के बेरोजगारो लिए की गयी इस पहल दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के लिए उनका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ ।
“मेरा देश बदल रहा है … आगे बढ़ रहा है”
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