” राष्ट्र के विकास में ‘श्रमेव जयते’ की उतनी ही अहमियत है जितनी ‘सत्यमेव जयते’ की ” !!
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 16 अक्टूबर 2014 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए श्रम की जरूरत है। हमने आज तक श्रम को उचित दर्जा नहीं दिया है। हमें अब श्रमिकों के प्रति नजरिया बदलना होगा। हमारा श्रमिक श्रम योगी है।
इसके दौरान प्रधानमंत्री जी ने श्रमिक हित में पांच महत्त्वपूर्ण योजना चालू की जिसमे श्रमिको को हित को देखते हुए चालू किया है। मोदी जी ने कहा कि सत्यमेव जयते जितनी ही ताकत श्रमेव जयते में भी है हमने श्रम को उचित दर्जा नहीं दिया। श्रमिकों को उचित दर्जा नहीं दिया गया, युवा पीढ़ी में विश्वास और भरोसा पैदा करने की दिशा में है यह प्रयास। जब अपनों में कोई बड़ा बनता है तो वह प्रेरणा बन जाता है, हम इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं।
लोगों में व्हाइट कॉलर जॉब को लेकर बहुत इज्जत होती है, पर श्रमिकों के लिए यह नजरिया बिल्कुल अलग है। हमें इसे ही बदलना होगा, हर मजदूर को पीपीएफ के लिए एक UAN यानि यूनिवर्सल एकाउंट नंबर मिलेगा जो कंपनी बदलने के बाद भी नहीं बदलेगा कुछ वैसे ही जैसे यह सुविधा मोबाइल पोर्टेब्लिटी में होती है ।
इस प्रोजेक्ट को बैकिंग और इंडस्ट्रियल हाउसिंग से जोड़ा है हमने इस योजना को लागू करने का काम पहले से ही पूरा कर लिया है अब सिर्फ लॉन्च कर रहे हैं सरकार आशंकाओं से नहीं चलती इसके काम की शुरुआत भरोसे से होती है हमें अपने श्रमिकों पर भरोसा दिखाना होगा तभी आगे जा सकते हैं।
श्रमेव जयते का मकसद किसी प्रोजेक्ट को सुचारू ढंग से लागू करना, उत्पाद बढ़ाना और ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा करना है । साथ ही श्रमिकों के हितों का ख्याल रखना और इंडस्ट्री की उद्मता का विकास करना, हमने बचपन से इंस्पेक्टर राज शब्द को सुना। सोचते थे कि यह किसी पुलिसवाले के लिए इस्तेमाल में आता होगा, बाद में एहसास हुआ कि यह उससे भी ज्यादा है, इस योजना में इंस्पेक्टर राज को खत्म करने की पहल की गई है।
हमें उद्योगपति नहीं श्रमिकों की नजर से समस्या को देखना होगा स्किल डेवलपमेंट भारत के लिए बहुत बड़ा अवसर है, 2020 तक पूरी दुनिया को स्किलड कामगारों की जरूरत पड़ेगी। हम इस क्षेत्र में अच्छा काम कर सकते हैं,अगर हमें ‘मेक इन इंडिया’ को सफल बनाना है तो बिजनेस के लिए सकारात्मक माहौल बनाना होगा। ये श्रमयोगी आने वाले समय में राष्ट्रयोगी बनेगा. राष्ट्रनिर्माता बनेगा। उसी दिशा में यह एक कदम है, जो मेक इन इंडिया के मकसद को पूरा करेगा।
कार्यक्रम की पांच मुख्य बातें…
1. मजदूरों के पीपीएफ के लिए एक UAN यानि यूनिवर्सल एकाउंट नंबर मिलेगा जो कंपनी बदलने के बाद भी नहीं बदलेगा।
2. वोकेशनल ट्रेनिंग की सुविधा दी जाएगी जो स्थानीय मांग और जरूरतों के हिसाब से तय होंगी।
3. अप्रेंटिस प्रोत्साहन योजना भी इसका हिस्सा होगी जिसके तहत युवाओं को रोजगार मिलना आसान हो जाएगा।
4. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को असंगठित क्षेत्र के मजदूरों पर भी लागू किया जाएगा।
कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है यहाँ मै बात कर रहा हूँ मजदूरी ,श्रम इत्यादि अर्थात श्रम को छोटा न तोह समझे एवं इस सोच को भी खत्म किये जाने के प्रयास में ही श्री नरेन्द्र मोदी जी ने यह योजना का शुभारम्भ किया है इससे हमने जो मेक इन इंडिया का सपना देख है न उसमे कही ना कही विकास होगा एवं उसके लिए किये जा रहे प्रयासों में विस्तार होगा ।
मै हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को श्रमिको के लिए किये गए अथक प्रयास एवं उनको सुविधाओं को पूर्ण करने के प्रयास के लिए मै आभारी हूँ ।
“मेरा देश बदल रहा है… आगे बढ़ रहा है”
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