प्यारे देशवासियों आप सभी को यह जानकर यह जानकर खुशी होगी कि हमारे देश की सरकार ने देश के वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन योजना शुरू की है इस योजना की शुरुआत अरुण जेटली द्वारा की जाएगी इस पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए सभी इच्छुक आवेदन कर सकते हैं इस योजना में भाग लेने के लिए व्यक्ति की उम्र 60 वर्ष से अधिक होनी चाहिए तभी वह प्रधानमंत्री व्यय वंदना योजना का लाभ ले सकता है।
पेंशन की अधिकतम सीमा एक परिवार के लिए है, परिवार में पेंशनधारक, उसके पति /पत्नी और आश्रित शामिल होंगे। ब्याज की गारंटी के बीच अंतर और अर्जित वास्तविक ब्याज और प्रशासन से संबंधित खर्च के कारण होने वाली कमी के लिए वित्तीय सहायता भारत सरकार द्वारा की जाएगी और इसकी निगम को प्रतिपूर्ति की जाएगी।
पीएम वय वंदना योजना :
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना इस योजना का लाभ 60 से ऊपर का व्यक्ति चाहे गरीब हो या अमीर सभी ले सकते हैं| 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए तैयार की गई एक खास पेंशन योजना है जो कि 4 मई 2017 से 3 मई 2018 तक उपलब्ध होगी, यानी इस दौरान आप इस योजना को चुन सकते हैं। वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना (वीपीबीवाई) की ही तरह प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) उन वरिष्ठ लोगों के लिए एक पेंशन योजना है जिनकी उम्र 60 वर्ष के ऊपर है। इस योजना के अंतर्गत 8 फीसद का सम एश्योर्ड रिटर्न भी सुनिश्चित किया गया है।
यह योजना 10 साल के लिए 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष मासिक देय (8.30 प्रतिशत प्रतिवर्ष) का निश्चित रिटर्न सुनिश्चित कराती है|
योजना की खरीदारी के समय पेंशन द्वारा चुनी गई मासिक/तिमाही/अर्ध-वार्षिक/वार्षिक आवृत्ति के अनुसार 10 वर्षों की पॉलिसी अवधि के दौरान हर अवधि के अंत में पेंशन देय है. इस योजना को सेवा कर और जीएसटी से छूट दी गई है|
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के लाभ :
दोस्तों अब आप सभी सोच रहे होंगे हमें इसका क्या लाभ मिलेगा ?तो इसके बहुत से लाभ होंगे जो हम आपको डिटेल में बता रहे हैं कृपया ध्यान से पढ़ें।
1: यह पेंशन स्कीम 8 फीसद का एश्योर्ड रिटर्न उपलब्ध करवाएगी।
2: यह स्कीम 10 साल के लिए है।
3: यानी एक बार पेंशन प्लान ले लेने पर आपको अगले 10 सालों तक मासिक आधार पर पेंशन दी जाती रहेगी।
4: 10 साल की पॉलिसी टर्म से दौरान पेंशन हर अवधि के अंत में दी जाएगी, जैसा कि पेंशनल ने खरीद के दौरान मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना आधार का चयन किया होगा।
5: यह स्कीम पूरी तरह से सर्विस टैक्स और जीएसटी के दायरे से बाहर है।
6: अगर पेंशनर पॉलिसी टर्म की अवधि यानी 10 साल तक जिंदा रहता है तो पर्चेज प्राइज के साथ ही फाइनल पेंशन की इंस्टॉलमेंट का भुगतान कर दिया जाएगा।
7: अगर किसी कारणवश पेंशनभोगी (पॉलिसी होल्डर) की मृत्यु हो जाती है तो, भुगतान किए गए प्रीमियम (खरीद मूल्य) पेंशनभोगी के नामित/ कानूनी उत्तराधिकारी को वापस कर दिए जाएंगे।
8: पॉलिसी के तीन साल पूरे हो जाने के बाद आपको पर्चेज प्राइज का 75 फीसद हिस्सा बतौर लोन भी मिल सकता है। लोन का ब्याज पेंशन की इंस्टॉलमेंट से पूरा कर लिया जाएगा और लोन की राशि क्लेम के दौरान रिकवर कर ली जाएगी।
9: स्कीम के तहत अगर पेंशनर को खुद या उसकी पत्नी को गंभीर बीमारी हो जाती है तो वह इस स्कीम से समय से पहले निकल सकता है। ऐसी सूरत में उसे पर्चेज प्राइस का 98 फीसदी रिफंड मिल जाएगा।
मैच्योरिटी बेनिफिट- पॉलिसी अवधि के अंति तक पेंशनर के गुजर-बसर के लिए पेंशन के खरीद मूल्य और अंतिम किस्त का भुगतान पेंशनभोगी को दिया जाएगा।
पेंशन का भुगतान-
पेंशनरों को पॉलिसी अवधि के दौरान पेंशन मिलेगी। उदाहरण के लिए, अगर आप एक महीने की पॉलिसी की तारीख के बाद मासिक पेंशन मोड का चुनाव करते हैं तो आपको अगले महीने से ही पेंशन मिलना शुरु हो जाएगी।
योजना के अंतर्गत डेथ बेनिफिट-
पॉलिसी टर्म (10 साल) के दौरान पेंशनर की मौत होने पर, नॉमिनी को पर्चेज प्राइज वापस कर दिया जाएगा।
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