उर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना (Urja Ganga Gas Pipeline Project) :
उर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना (Urja Ganga Gas Pipeline Project) का उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में वाराणसी, उत्तर प्रदेश में किया था। isme उत्तर प्रदेश से ओडिशा तक 2540 किलोमीटर लम्बाई की एक पाइप लाइन की योजना बनाई गई है। 2012 में प्रकाशित आर्थिक और राजनीतिक साप्ताहिक (ईपीडब्ल्यू) के लिए सब्सीडीज नामक एक लेख से पता चलता है कि कि केवल 18 प्रतिशत परिवार ही खाना पकाने के लिए एलपीजी का ईंधन के रूप में खपत करते हैं और बाकी लोग लकड़ी, केरोसीन, गोबर केक आदि जैसे खाना पकाने के अन्य तरीकों का उपयोग करते हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।[1] एलपीजी सब्सिडी को छोड़ने के एक भाग के रूप में प्रधान मंत्री ने 2015 में अयोग्य लोगो से अपने सब्सिडी वाले गैस सिलेंडरों को छोड़ने के लिए देश से अपील की ताकि पैसा ग्रामीण और गरीब क्षेत्रों में रसोई गैस की आपूर्ति के लिए इस्तेमाल किया जा सके। इस सब्सिडी वाले गैस सिलेंडरों को छोड़ने के अभियान को ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना में शामिल किया गया है।
उद्देश्य :
यह योजना अगले दो सालों के भीतर वाराणसी के घरों में पाइपिंग रसोई गैस उपलब्ध कराने और अगले एक वर्ष के बाद पड़ोसी राज्यों में लाखों लोगों को भी पाइपिंग रसोई गैस प्रदान कराने का है।