भारतीय रेलवे ने 1 सितंबर 2016 को यात्री बीमा योजना शुरू किया है जिसका उद्देश्य रेलवे दुर्घटना के बाद बीमा मुहैया कराना है। जिसमे एक रुपये से भी कम सिर्फ 0.92 पैसे में लोग रेलवे से यात्रा के दौरान अपना बीमा करा सकेंगे।
यात्रा में किसी भी तरह की दुर्घटना या मौत होने पर बीमा कंपनी 10 लाख रु तक भुगतान करेगी। आईआरसीटीसी ने तीन बीमा कंपनियों- राम जनरल इंश्योरेंस कंपनी, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस और रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस से समझौता किया है।
कैसे होगा रेलवे के जरिए बीमा ?
रेलवे का बीमा आप वेबसाइट से टिकट बुक करते समय ले सकते हैं। टिकट बुक करते समय आपके सामने बीमा लेने का विकल्प आएगा। इसे सिलेक्ट करते ही आपके टिकट के दाम के अलावा 92 पैसे ज्यादा कटेंगे और आपका रेल यात्रा बीमा हो जाएगा। ये सुविधा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं मिल पाएगी और न ही विदेशी नागरिकों को।
कैसे कवर करेगा यह बीमा योजना ?
रेल यात्रा बीमा आपको रेल यात्रा के दौरान हुए हादसों के लिए भुगतान करेगा। इसमें 2 ट्रेनों के बीच टक्कर होने, ट्रेन के पटरी से उतरने जैसे हादसे शामिल हैं। हादसा होने की स्थिति में पैसेंजर या नॉमिनी (पॉलिसी हॉल्डर की मृत्यु होने पर) क्लेम कर सकता है।
इसमें मृत्यु, गंभीर चोट की वजह से विकलांग होने और अस्पताल में इलाज होने जैसी स्थितियों में बीमा की रकम के लिए क्लेम किया जा सकेगा। क्लेम के लिए पीएनआर नंबर का होना भी जरूरी होगा।
रेलवे बीमा योजना के फायदे
यात्री की मृत्यु होने या परमनेंट डिसबिलिटी होने की स्थिति में बीमा की गई रकम का 100% भुगतान दुर्घटना होने की तारीख से 12 महीनों के अंदर किया जाएगा।
वहीं बीमा रकम का 75% गंभीर रुप से चोटिल होने और 20% भुगतान अस्पताल के खर्च या मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए किया जाएगा। वहीं ट्रेन हादसे भी रेलवे ऐक्ट (1989) के तहत डिफाइन किए गए हैं।
रेलवे यात्रा बीमा के लिए जरूरी कागज :
बीमित व्यक्ति, नॉमिनी व्यक्ति या कानूनी वारिस दुर्घटना की तिथि से 4 महीने के भीतर बीमा कंपनी की निकटतम शाखा कार्यालय में दावा प्रपत्र प्रस्तुत करना चाहिए।
बीमा धनराशी हेतु आवश्यक दस्तावेजों के साथ दावा प्रपत्र प्रस्तुत किया जायेगा।
बीमा पॉलिसी के विवरण का प्रमाण भी प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
इस तरह के दस्तावेजों के जमा करने के 15 दिनों के भीतर लाभ/क्लेम धनराशी बीमा कंपनी के द्वारा देय होगा।
क्लेम/दावे की राशि भारतीय मुद्रा में तय किया जाएगा।
अगर बीमा कम्पनी भुक्तान करने में देरी करती है तो उन्हें 2% की बैंक दर से ब्याज देना होगा
दावा/क्लेम नीति 365 दिन के अन्दर होना चाहिए।
यदि दावा/क्लेम धोखाधड़ी या धोखाधड़ी के द्वारा समर्थित हुआ पाया गया तो दावा खारिज कर दिया जाएगा।
रेलवे दूर्घटना में दिव्यांग होने पर मिलेगी मदद
विकलांगता की किस स्तर तक है इस बात की पुष्टि करने वाले डॉक्टर की रिपोर्ट ।
मेडिकल डॉक्टर की पर्ची के बिल।
विधिवत पूरा व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा दावा प्रपत्र / नामित द्वारा हस्ताक्षर जाना चाहिए।
सिविल सर्जन से विकलांगता प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति।
एफआईआर की सत्यापित प्रति।
सभी एक्स-रे / जांच रिपोर्ट और विकलांगता के लिए समर्थन करते दस्तावेज़।
एनईएफटी विवरण और लाभार्थी के रद्द की जांच के साथ दावा प्रपत्र।
तस्वीर से पहले और विकलांगता के बाद।
रेलवे बीमा के पैसे कैसे निकालें :
दुर्घटना के बाद रकम पाने के लिए नॉमिनी को हादसे के 4 महीने के अंदर बीमा कंपनियों से क्लेम लेना होगा। क्लेम एनईएफटी के जरिए दिए जाएंगे। इसके अलावा क्लेम लेने के लिए नॉमिनी को सभी जरूरी दस्तावेज भी जमा कराने होंगे।
अभी सिर्फ तीन कंपनियां ही रेल यात्रा बीमा की सुविधा दे रही हैं। इनमें आईसीआईसीआई लोंबार्ड, रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस और श्रीराम जनरल इंश्योरेंस शामिल हैं। वहीं वेबसाइट पर इंश्योरेंस लेते समय नॉमिनी की डिटेल्स भरना न भूलें।
बीमा के लिए शर्त :
यह सुविधा सिर्फ ऑनलाइन टिकट बुक कराने वाले यात्रियों के लिए ही मान्य है।
रेलवे यात्रा बीमा’ लेना या न लेना यात्री की अपनी इच्छा है।
एक टिकट पर सभी यात्रियों के लिए अलग-अलग बीमा शुल्क देना होगा।
यात्रा बीमा प्रीमियम टिकट खरीदते समय ही अदा करना होगा।
विकलांग या मृत्यु होने की स्थिति में बीमा राशि लेने वाले व्यक्ति (Nominee) की जानकारी देना अनिवार्य है।
पांच साल से कम बच्चे के बीमा के लिए भी पूरा प्रीमियम अदा करना होगा।
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