भारत में कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार खनन क्षेत्र में उपलब्ध हैं। भारत के अधिकतर खनिज वन क्षेत्र में स्थित हैं, जहां जनजातीय,पिछड़ी और वंचित आबादी रहती है। यह तर्क दिया जा सकता है कि यदि इस क्षेत्र को महत्व दिया जाय तो बेरोजगारी की समस्या से बड़ी हद तक निपटा जा सकता है और समावेशी विकास का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। मौजूदा सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी और शानदार नेतृत्व में 2015 की शुरूआत में एमएमडीआर अधिनियम में संशोधन किया है। अन्य उल्लेखनीय सुधारों सहित खनन क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए नये अधिनियम में दो मुद्दों पर चर्चा की गयी है-
भारत के इतिहास में पहली बार इस संबंध में खनन गतिविधियों से प्रभावित लोगों औऱ स्थानों के सामाजिक तथा आर्थिक उन्नयन के लिए अलग से निधि का आवंटन किया गया है। एमएमडीआर संशोधन अधिनियम 2015 के तहत राज्य सरकारों को जनपद खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) के गठन का अधिकार मिलता है। इसके तहत राज्य सरकारें जनपद खनिज फाउंडेशन के लिए नियम बना सकती हैं।
स्वतंत्रता दिवस 2015 को लालकिले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए सम्मानीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास तथा लोगों के कल्याण के लिए सरकार एक योजना शुरू करेगी।
योजना
सितंबर 2015 में खान मंत्रालय ने डीएमएफ की निधियों के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। इस योजना को प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना कहा जाता है और यह सभी राज्य सरकारों पर लागू होती है। विकास, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति और दीर्घकालिक संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तीन लक्ष्य हैं-
इन उद्देश्यों को स्पष्ट कर दिया गया है ताकि लक्ष्य निर्धारित हो और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
योजना के मुख्य बिंदु
इस योजना से संबंधित मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं जिनसे संबंधित प्रकाशकों, विधायिकाओं और नागरिकों को मदद मिलेगी-
ü योजना 12 जनवरी, 2015 से प्रभावी है
ü 12 जनवरी, 2015 के पहले जो खनन पट्टे दिये जा चुके हैं उनके संबंध में निकायों को डीएमएफ में देय रॉयल्टी का 30 फीसदी हिस्सा देना होगा।
ü 12 जनवरी, 2015 के बाद नीलामी के जरिए जो खनन पट्टे दिये गये हैं, उनके संबंध में देय रॉयल्टी का 10 फीसदी हिस्सा देना होगा।
ü इस योजना के तहत संभावित निधि लगभग 6 हजार करोड़ रूपये सालाना होगी।