23 July
SC/ST छात्रों व अध्यापकों के अधिकारों की लड़ाई में एक प्रयास-साथियों इलाहाबाद विश्वविद्यालय की नियुक्तियों में हो रही अनियमितताओं व धांधली के विरुद्ध राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत की थी जिसके फलस्वरूप आयोग ने आज विश्वविद्यालय प्रशासन को तलब किया.विगत कई महीनों से विश्वविद्यालय की भर्तियों में हो रही गड़बड़ी की सूचना मिल रही थी.साथियों मैंने जिन 4 मुख्य बिंदुओं पर शिकायत की उनमे-
1-प्रोफेसर नियुक्तियों में हो रही धांधली जिसमे अनुसूचित समाज के शिक्षकों को आरक्षण के अनुसार ना लेने की शिकायत
2- SC/ST छात्रों हेतु पंत छात्रावास जिसे केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से आर्थिक सहायता मिलती थी,प्रशासन की लापरवाही से उसका बंद हो जाने की शिकायत
3- विश्वविद्यालय के पत्राचार विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को महीनों से वेतन ना मिलने के विरोध में शिकायत की.
4-विश्वविद्यालय को मिले बजट को बगैर कोर्ट से पास कराए खर्च करना,सरकार द्वारा नामित विश्वविद्यालय कोर्ट का एक सदस्य मैं स्वयं हूँ.
इस सबके अतिरिक्त कुलपति महोदय के रातों रात हॉस्टल खाली करने के तुगलकी फरमान से हुई दिक्कतों के संबंध में
मुझे खुशी है कि मेरी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को अनुसूचित जाति आयोग ने तलब किया है इसके साथ ही मुझे यह विश्वास भी है कि साफ नीयत से इन शिकायतों का समाधान होगा व छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर ही निर्णय होंगे.