और अब डिजिटल ग्राम योजना, सुनने में भले ही एक जैसे लगे पर इनकी परिभाषा अपने आप में अलग है जी हां जहां हम डिजिटल इंडिया का मतलब पूरे देश को इंटरनेट से जोड़कर देखते है तो वहीं डिजिटल ग्राम योजना का अर्थ प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्र से लगाया जाता है।
मोदी सरकार पहले से ही तय कर चुकी है भारत के ग्रामीण क्षेत्रों का विकास किसी सरकार में हो या न हो लेकिन मोदी राज में होकर रहेगा और शायद यहीं वज़ह है कि अब बहुत जल्द पीएम मोदी के नेतृत्व में डिजिटल ग्राम योजना की शुरुआत की जाएगी। जिसके तहत गांवों को डिजिटल बनाने का प्रयास किया जाएगा।
डिजिटल ग्राम योजना:
डिजिटल ग्राम योजना’ की घोषणा ICICI बैंक के मुबंई स्थित मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में ICICI बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ चंदा कोचर ने की थी इस समारोह में मान्यवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।
ये योजना आदर्श ग्राम योजना के बाद गांवों के लिए यह नई योजना है जिसके पहले चरण में 1 साल के भीतर 5 हजार गांवों को डिजिटल बनाया जाएगा। पीएमओ के निर्देश पर मिनिस्ट्री ऑफ आईटी ने डिजिटल ग्राम योजना के लिए कुछ मानक तय किए है जिसके आधार पर देश भर के किसी गांव को डिजिटल घोषित किया जाएगा।
डिजिटल ग्राम योजना’ लागू करने का उद्देश्य :
दरअसल देश की उन्नति के लिए जरुरी है प्रत्येक गांव को नए दौर के साथ लेकर चलना, जिससे देश किसी मामले पर पिछड़ा न रह सके। ऐसे में डिजिटल यानि की ई-साइबर के जरिए ग्राम पंचायत स्तर के कार्यालयों को डिजिटल दुनिया से जोड़ा जाएगा है जैसे स्कूल, पंचायत कार्यालय, डाकघर आदि।
ये संभवता एक मिशन के तौर पर देखा जा सकता क्योंकि देश के अधिकत्तर गांवों में आज भी शैक्षिक योग्यता की कमी है ऐसे में नए दौर के डिजिटलीकरण को गांव से जोड़ना सच में बड़ी चुनौती है वहीं अगर यह काम कर जाती है तो देश के विकास के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
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